कुछ अपराधी प्रवृत्ति के लोग भी गुरु या संत का चोला करते धारण..!

*कुछ अपराधी प्रवृत्ति के लोग भी गुरु या संत का चोला करते धारण..!!*


 


 


*अमीरों की थैलियों के सहारे कुछ करते राजनीति!!*


 


विषबेल रूपी कई बाबा,जब अंकुरित होते हैं, उस दौरान ही इन्हें राजनेताओं से प्रश्रय मिलने लगता है। फिर इनकी काया इतनी विशाल हो जाती है कि इन्हें पालने-पोसने वाले नेता और धर्म के नाम पर तरह-तरह के व्यापार करने वाले लोग खुद को इनके आगे बौना महसूस करने लगते हैं और इनकी कृपादृष्टि पाने के लिए व्यग्र नजर आते हैं।


हमारे जैसे सामान्य इंसान किशोरावस्था में यह समझ गए कि वासनाओं की पूर्ति के लिए कुछ अपराधी प्रवृत्ति के लोग भी गुरु या संत का चोला धारण करते हैं। फिर समझ नहीं आता कि लाखों-करोड़ों लोगों को उल्लू बनाने वाले नेता इनके सामने उल्लू क्यों नजर आते हैं?


मुझे नहीं लगता कि जिस व्यक्ति पर बलात्कार, अपहरण और हत्या के मुकदमे चल रहे हों, उसके साथ खड़े होकर किसी नेता को अपनी बत्तीसी दिखानी चाहिए। सत्ता पाने के लिए यदि ऐसे भ्रष्ट तरीके अपनाने पड़ते हैं तो फिर सत्ता पाकर हम आखिर कैसे पवित्र रह सकते हैं? कुछ महीने पहले एक नेता अपनी विजय के उपलक्ष्य में बलात्कार के आरोपी एक नेता को धन्यवाद देने जेल गए थे। उनकी पार्टी को उन पर कार्रवाई करनी चाहिए थी।


गांधीजी को मानने वाले नेता यह भूल जाते हैं कि बापू लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए हमेशा साधन की पवित्रता पर जोर देते रहे। अमीरों की थैलियों के सहारे राजनीति करने वाले यह भूल जाते हैं कि देश की जनता को बेवकूफ बनाना अंतत: उन्हें और देश को महंगा पड़ सकता है।